आखिर हिन्दू धर्म में क्यों करते हैं हवन

आखिर हिन्दू धर्म में क्यों करते हैं हवन



हिंदू धर्म में हवन, यज्ञ का विशेष महत्व माना जाता है। अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रक्रिया को हवन या यज्ञ कहते हैं। यह हमारे जीवन में सकारात्मकता लेकर आता है। हवन, यज्ञ के बिना कोई भी पूजा, मंत्र जप पूर्ण नहीं हो सकता। सनातन काल से यज्ञ और हवन की परंपरा चली आ रही है।


वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हवन, यज्ञ किया जाता है। स्वास्थ्य एवं समृद्धि के लिए भी हवन किया जाता है। हवन में प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री सड़ी-गली, घुन लगी हुई या भीगी हुई नहीं होना चाहिए। श्मशान में लगे वृक्षों की समिधा का प्रयोग हवन में नहीं करना चाहिए। पेड़ की जिस डाल पर पक्षियों का घोंसला हो उसे काटकर हवन में प्रयुक्त नहीं करना चाहिए। जंगल और नदी के किनारे लगे वृक्षों की समिधा हवन के लिए श्रेष्ठ कही गई है।


अग्नि में जब औषधीय गुणों वाली लकड़ियां और शुद्ध गाय का घी डालते हैं तो उसका प्रभाव सुख पहुंचाता है। हवन कुंड चौकोर हो। इसकी लंबाई, चौड़ाई और गहराई समान हो। इसे भीतर से तिरछा बनाया जाए। हवन के धुएं का वातावरण पर असर लंबे समय तक बना रहता है और इस अवधि में जहरीले कीटाणु नहीं पनप पाते। घर के द्वार में अगर वास्तु दोष है तो सूर्य के मंत्र के साथ हवन करें।