विदिशा। करीब डेढ़ साल पहले हुई एक किशोर की मौत के मामले की जांच कर रही ग्यारसपुर पुलिस अब खुद सवालों के घेरे में आ गई है। मानौरा निवासी रेवाराम चिढ़ार की मौत के बाद बुधवार की सुबह उसके पिता गंगाराम चिढ़ार की लाश गांव के पास एक पेड़ पर झूलती हुई मिली है। गंगाराम की मौत के मामले में परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप मृतक गंगाराम के बेटे की मौत के मामले को लेकर लगाया है। गंगाराम की मौत से आक्रोशित परिजनों ने पीएम के बाद शव लेने से भी इंकार कर दिया। विदिशा आकर एसपी के पास पहुंचकर परिजनों ने ग्यारसपुर पुलिस की शिकायत भी की है। उल्लेखनीय है कि डेढ़ साल पहले रेवाराम पुत्र गंगाराम चिढ़ार की लाश एक खेत में संदिग्ध हालात में पड़ी हुई मिली थी। रेवाराम की पीएम रिपोर्ट में हत्या होना पाए जाने पर पुलिस जांच कर रही थी। इस जांच के लिए पुलिस छानबीन में मिले सुराग के तहत संबंधितों से पूछताछ कर रही है।
बुधवार की सुबह गंगाराम की लाश मिलने के बाद पुलिस शव का पीएम कराने के लिए ग्यारसपुर लेकर आई। पीएम के कराने के दौरान परिजनों ने ग्यारसपुर पुलिस पर अनेक संगीन आरोप लगाए हैं। मृतक की बेटी रीना का कहना था कि उसके भाई रेवाराम की मौत के मामले में उसके पिता के साथ पुलिस दो दिन से थाने में पूछताछ के दौरान बुरी तरह मारपीट की है। पुलिस की प्रताड़ना की वजह से उसका पिता गहरे तनाव में आ गया था। रात तीन बजे तक परिवार के लोगों ने गंगाराम को घर में ही देखा था। इसके बाद सुबह जब परिवार के लोग उठे तो गंगाराम घर पर दिखाई नहीं दिया। आसपास ढूंढने पर घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ पर गंगाराम का शव लटका हुआ दिखाई दिया।
बेटी का आरोप- बेटी रीना का आरोप है कि उसके पिता गंगाराम पर ही बेटे की हत्या का संदेह जताकर परेशान कर रही थी। दो दिन से थाने में पूछताछ के लिए पुलिस उसके पिता गंगाराम को बुलाकर मारपीट कर रही थी। इसी प्रताड़ना से तंग आकर उसके पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या का कदम उठाया है।