भाजपा ने तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को बदल दिया 
छत्तीसगढ़ में विजय बघेल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने की तैयारी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी का नए राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की बड़ी कर्रवाई की गई है ! इसी तरह अब जल्द कई अन्य राज्यों के पार्टी प्रमुख बदलने की तैयारी हो रही है ! भाजपा ने मध्यप्रदेश में राकेश सिंह के स्थान पर विष्णु दत्त शर्मा को मध्यप्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। शर्मा खजुराहो से भाजपा सांसद हैं। वह फिलहाल भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के प्रदेश महामंत्री हैं। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दल बहादुर चौहान को सिक्किम राज्य का अध्यक्ष और के सुरेंद्रन को केरल भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया है। दिल्ली चुनाव में स्थानीय संगठन के लचर प्रदर्शन के बाद पार्टी विभिन्न राज्यों में अपनी रणनीति के गहन मंथन में लगी है ! यही कारण है कि,इस तीन राज्यों में पार्टी ने नए अध्यक्ष नियुक्त कर और भी अक्रामक तरीके से इन राज्यों में सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी को ध्यान में रखा है। राजनीतिक लिहाज से मध्यप्रदेश को पार्टी के मजबूत रणक्षेत्र के तौर पर माना जाता है, जहां पार्टी सत्ता में काबिज कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं होने देना चाहती ! जबकि केरल जैसे नगण्य जनप्रतिनिधित्व वाले राज्य में भी पार्टी मजबूती के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाह रही है। इसी तरह पूर्वोत्तर में भी लगातार अपनी ताकत मजबूत करने नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है !
छत्तीसगढ़ में संगठन चुनाव के दौरान जिला स्तर पर मची खींचतान के कारण पिछले महीने नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव रोक दिया गया था ! जिस वजह से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में छत्तीसगढ़ की भूमिका कमजोर हो गई थी ! नए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चूंकि पूर्व में छत्तीसगढ़ के संगठन प्रभारी रह चुके हैं इसलिए स्थानीय परिस्थितियों को गहराई से समझते यहां का नया प्रदेश अध्यक्ष बनवाने कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं !
2018,2019 और 2020 में भाजपा की हार से कार्यकर्ता मायूस
2018 के विधानसभा,2019 के नगरीय निकाय के बाद 2020 के पंचायत चुनाव में एक के बाद एक भाजपा की लगातार हार से कार्यकर्ताओं में मायूसी के साथ संगठन में बिखराव सा नजर आ रहा है ! हालाँकि लोकसभा चुनाव की 11 में से 9 सीटों पर भाजपा को विजय मिली थी लेकिन वो जीत स्थानीय मुद्दों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं की मायूसी को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं थी ! ऐसी विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पार्टी जल्द ही छत्तीसगढ़ में मजबूत विपक्ष को नेतृत्व देने नया प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त करने जा रही है ! नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए सबसे बड़ी चुनौती मजबूत और दमदार विपक्ष की मौजूदगी के साथ कार्यकर्ताओं में गिरते मनोबल को उठाने की होगी !
नया प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से बनाने की प्रबल सम्भावना
मौजूदा हालात में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार जिस तरह से आक्रमक शैली में सत्ता में काबिज है उसे देखते हुए भाजपा नया प्रदेश अध्यक्ष बनवाना चाह रही है ! इसके लिए स्थानीय जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखा जा रहा है ! छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 32 प्रतिशत आदिवासी आबादी को ध्यान में रखते हुए लगातार तीन बार आदिवासी के अलावा वर्तमान अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के रूप में आदिवासी वर्ग का प्रदेश अध्यक्ष बनवाया ! लेकिन हैरानी की बात है कि,इस दौरान 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में आदिवासियों के लिए आरक्षित 29 सीटों में से भाजपा का अभी एक भी आदिवासी विधायक नहीं है ! जबकि प्रदेश की कुल आबादी में 52 प्रतिशत ओबीसी जनसंख्या होने के बावजूद 19 सालों में बनाए गए 8 प्रदेश अध्यक्षों में से सिर्फ 2 बार ही ओबीसी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया ! यही कारण है कि,छत्तीसगढ़ का नया प्रदेश अध्यक्ष इस बार ओबीसी वर्ग से ही बनाने की प्रबल सम्भावना है ! जिसमें दुर्ग के लोकसभा सांसद विजय बघेल को छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की सबसे ज्यादा चर्चा है ! जिनकी साफसुथरी और तेजतर्रार छवि समय की मांग बताई जा रही है ! उनका मुख्यमंत्री,गृहमंत्री और दो अन्य मंत्रियों के निर्वाचित जिले से रिकॉर्ड वोटों से सांसद बनना भी एक बड़ा कारण है कि,पार्टी उनमें नए प्रदेश अध्यक्ष की प्रबलतम सम्भावना देख रही है !