पीसीसी अध्यक्ष पद पर जल्द फैसले की उम्मीद जगी

पीसीसी अध्यक्ष पद पर जल्द फैसले की उम्मीद जगी





भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के एलान के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर जल्द ही फैसले की संभावना है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का फैसला करीब एक साल से अटका हुआ है। समन्वय समिति में प्रदेश के दिग्गज नेताओं के एक साथ बैठने के कारण सर्वानुमति से पीसीसी अध्यक्ष का नाम आगे बढ़ने के संकेत हैं।


अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने पीसीसी अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया दूसरे राज्यों के साथ कुछ महीने पहले शुरू कर दी थी। अब हाईकमान की यही कोशिश है कि प्रदेश के सभी नेताओं की सहमति के बाद किसी को पीसीसी अध्यक्ष बनाया जाए। समन्वय समिति की अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है और इसके बाद हाईकमान को प्रदेश के नेताओं की राय से अवगत कराया जा सकता है।


देखा जाए तो पीसीसी अध्यक्ष का फैसला लोकसभा चुनाव के बाद से अटका हुआ है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास मुख्यमंत्री के साथ-साथ पीसीसी अध्यक्ष की दोहरी जिम्मेदारी है। उन्हें लोकसभा चुनाव तक दोनो पदों पर रहने को कहा गया था।


इसके बाद उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष के प्रभार से मुक्त होने की इच्छा जताई थी, लेकिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया। जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में नया प्रदेश अध्यक्ष बने हुए लंबा समय हो चुका है। मध्यप्रदेश में गुटबाजी के कारण किसी एक नेता के नाम पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है।


सिंधिया समर्थकों की मांग


पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक सरकार में मंत्री इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसौदिया हो या संगठन के पदाधिकारीगण सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग उठाते रहे हैं। श्योपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व विधायक बृजराज सिंह चौहान ने हाल ही में पत्र लिखकर सिंधिया के समर्थन में बयान जारी किया था।


दिग्विजय की तरफ से भूरिया का नाम


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की राय भी अहम है। सिंधिया के पीसीसी अध्यक्ष बनने में सबसे बड़ी बाधा के रूप में उनका नाम बताया जाता है। सूत्र बताते हैं कि दिग्विजय सिंह पीसीसी अध्यक्ष की दौड़ से सिंधिया को बाहर रखने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष और विधायक कांतिलाल भूरिया का नाम आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि भूरिया के पीसीसी अध्यक्ष बनने की संभावनाएं कम हैं। वहीं, पीसीसी अध्यक्ष के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का नाम भी चर्चा में आ चुका है। विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव 2018 में मिली करार हार की वजह से वहां पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए उन्हें मौका दिए जाने की संभावना है।


मंत्रियों की दोनों पद की चाह


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दावेदारी करने वाले नेताओं में कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और उमंग सिंघार के नाम प्रमुख हैं। सूत्रों के मुताबिक हालांकि दोनों, मंत्री के साथ पीसीसी अध्यक्ष का काम संभालने की इच्छा रखते हैं। एक अन्य मंत्री बाला बच्चन का नाम भी इस दौड़ में है। बच्चन मुख्यमंत्री कमलनाथ के विश्वस्त हैं। वे कमलनाथ के कहने पर मंत्री पद भी छोड़ सकते हैं।


नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला पार्टी हाईकमान को करना है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कोशिश है कि सर्वानुमति से पीसीसी अध्यक्ष बने और इसी कोशिश के कारण विलंब हो रहा है।


– दीपक बाबरिया, महासचिव, एआईसीसी व प्रदेश प्रभारी