अदम चेकः रामेन्द्र सिंह परिहार





 














ग्वालियर। शिव का राज, अफसरों की अटकी सांसे लो भैया सोमवार को प्रदेश में एक बार फिर शिव का राज शुरू होते ही कुछ अफसरों की सांसें अटक गई हैं। चलो बता दें यह वह अफसर हैं जो हाल में हुए घटनाक्रम में आनन-फानन में नाथ ने जिला के प्रमुख पदों पर कुछ अपने खास बैठा दिए थे। अब नाथ के जाते और शिव के आते ही इन पर फिर तलवार लटक गई है। वो तो कोविड-19 चल रहा है नहीं तो अब तक रेंज के मुखिया, शहर के एक एएसपी, दो सीएसपी की छुट्टी भी हो गई होती। सुना तो यह भी है कि कुछ अफसरों ने तो सामान भी पैक कर लिया है और जानते भी हैं कि विधानसभा के काम पर आते ही सबसे पहले उनका ही नंबर है शहर छोड़ने का। खैर 24 से विधान की सभा शुरू होते ही तय है कि सूची जारी होगी और यह अफसर अपना रास्ता नापेंगे।










गोली चली नहीं, पुलिस ने ठोक दी एफआईआर


एक बात है अपना महाराजपुरा थाना पुलिस पिछले कुछ दिन से सुर्खियों में है। हो भी क्यों न काम ही ऐसे कर रही है। अब नया मामला यह है कि एक मुंहवाद में थाना प्रभारी मिर्जा साहब ने गोली चलवा दी है। मतलब फोन पर झगड़ा हुआ और झगड़ने वाले को सुबह अखबार में पता लगा कि उसने गोली भी चला दी है। फिर अपने कुछ मिलने वालों को थाना भेजकर पता किया तो एफआईआर भी हो चुकी थी। यह पता चलते ही वह पानी-पानी हो गया। अब क्या है कि थाना की चतुराई की शिकायत पीड़ित ने सर्कल के मुखिया रवि भदौरिया को कर दी है। साथ ही दुखड़ा भी रोया है कि जब उसने कुछ किया ही नहीं तो उस पर मामला कैसे। खैर सीएसपी ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच करा रहे हैं और देख रहे हैं कि गलती कहां हुई।


 

पुलिस महकमे में फिर ठाकुर राज शुरू


प्रदेश में सरकार बदलते और नरेन्द्र के पावरफुल होते ही पुलिस महकमे में एक बार फिर ठाकुरवाद शुरू हो गया है। पुलिस विभाग के ऐसे ठाकुर पुलिस अफसर जो 15 महीनों से मजबूरी में बाहर पड़े थे अब उन्होंने ठाकुर साहब की देहरी पर उपस्थिति शुरू कर दी है। करना भी पड़ेगी क्योंकि पिछले 15 साल में यहां सिर्फ ठाकुर राज ही चल रहा था। यही कारण है कि लगातार सिपाही से लेकर अफसर तक ठाकुर साहब की हुजूरी में लग गए हैं। घर पहुंचकर अपने नंबर भी बढ़वा रहे हैं। फिलहाल कोई बड़ी सर्जरी की आस तो नहीं है, लेकिन आने वाले 1 से 2 महीने में जिले के पुलिस महकमे की पूरी सूरत ही बदल जाने की संभावना है। बस इंतजार है तो बड़े फेरबदल का। सुना तो यह है कि रेंज के मुखिया से लेकर मुरार थाना के सिपाही तक कुछ नाम तो तय भी हो गए हैं।


 

कोरोना से हवालात खाली, मजे में बदमाश


सुना है भैया कोरोना का सबसे ज्यादा नुकसान आम आदमी को हो रहा है, लेकिन बदमाशों और वारंटियों के लिए यह मौज बनकर आई है। इस महामारी के चलते पूरा पुलिस फोर्स सिर्फ लोगों को जागरूक करने और सड़कों पर उतार दिया है। पुलिस कप्तान ने भी अभी आपदा में सभी अभियान बंद कर सिर्फ लॉक डाउन का पालन कराने और भीड़ को अलग-थलग करने पर जोर देने के निर्देश दिए हैं। यही कारण है कि शहर के थानों की हवालात सूनी पड़ी हैं। इससे दो लोगों का फायदा है एक तो बदमाश और वारंटी मजे कर रहे हैं। दूसरी राहत थाने के उस मुंशी को मिली है जिसको लगातार सीसीटीवी कैमरे से हवालात की निगरानी करनी पड़ती है। चलो ठीक है अभी पुलिस कप्तान के कंधों पर कोरोना से निपटने का भी भार है।