अतिरिक्त महाधिवक्ता ने दिया इस्तीफा, पिछले हफ्ते हुई थी नियुक्ति





 














 




 


अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव शर्मा ने कहा- नैतिकता के आधार पर दिया इस्तीफा




ग्वालियर । अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव शर्मा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विधि विभाग के प्रमुख सचिव को इस्तीफा देकर सूचित किया है। उनका कहना है कि नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है, क्योंकि प्रदेश में अब भाजपा की सरकार आ चुकी है।


विधि विभाग ने पिछले हफ्ते अतिरिक्त महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता, सहित शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति की थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में चले जाने के बाद अंकुर मोदी को अतिरिक्त महाधिवक्ता पद से हटा दिया था। अतिरिक्त महाधिवक्ता पद पर राजीव शर्मा की नियुक्ति की थी। उन्होंने पिछले सोमवार को कार्यभार संभाला था, लेकिन इसी बीच कांग्रेस की सरकार चली गई। जबलपुर में महाधिवक्ता ने इस्तीफा दिया, फिर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इस्तीफा दे दिया। यह राजनैतिक नियुक्तियां होती हैं। जिसकी सरकार होती है वह अपने समर्थक वकीलों की नियुक्तियां करती है। नई सरकार अपने हिसाब अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाएगी। पद के लिए होने लगी जोड़तोड़


 

अतिरिक्त महाधिवक्ता का पद खाली होने के बाद भाजपा में जोर आजमाइश होने लगी है। अगर पुरुषेन्द्र कौरव महाधिवक्ता बनते हैं तो अधिवक्ता परिषद का दखल बढ़ जाएगा।


अंकुर मोदी, विवेक खेड़कर, दीपेन्द्र कुशवाह के नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। उप महाधिवक्ता पद के लिए जोर लगा रहे हैं। अतिरिक्त महाधिवक्ता पद की नियुक्ति पर सिंधिया का दखल रहता है तो अंकुर मोदी की संभावना अधिक है। क्योंकि मोदी ही सिंधिया के सभी कानूनी कार्य को संभालते हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें सिधिंया ने अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाया था।


 

शासकीय अधिवक्ता पद के लिए भाजपा समर्थक वकीलों ने तैयारी शुरू कर दी है। जिस दिन सरकार गिरी थी, उसी दिन भाजपा समर्थक वकीलों महाधिवक्ता कार्यालय में हलचल बढ़ गई थी।


हाईकोर्ट में सरकार का रखते हैं पक्ष


हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखे के लिए महाधिवक्ता कार्यालय में 40 शासकीय अधिवक्ता, 1 अतिरिक्त महाधिवक्ता, 1 उप महाधिवक्ता की नियुक्ति करती है। अतिरिक्त महाधिवक्ता का पद प्रमुख होता है। फिलहाल अतिरक्त महाधिवक्ता का पद खाली हुआ है। शासकीय अधिवक्ता नई नियुक्त होने तक काम करते रहेंगे, ताकि कोर्ट का काम प्रभावित न हो।