ग्वालियर । कोरोना वायरस के खौफ का असर शहर में काफी बढ़ गया है। इस वायरस से संक्रमित एक युवक के कारण जिला प्रशासन को और सख्त होना पड़ा है। शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ऐसी स्थिति में वह तबका काफी प्रभावित हुआ है, जिसका यहां कोई नहीं है। नगर निगम प्रशासन ने ऐसे लोगों को आश्रय भवनों में भेजना शुरू कर दिया है। साथ ही शहर के कुछ उत्साही युवाओं ने भी पीड़ित मानव की सेवा के लिए कदम आगे बढ़ाए हैं। ऐसे ही कुछ युवाओं ने फाइटर्स ऑफ कोविड-19 नामक संगठन बनाया है। इसकी कमान तीन युवाओं ने संभाली है। उन्होंने अन्य सहयोगियों की मदद से शहर में घूमकर उन लोगों को सैनिटाइज और खाना खिलाने का काम शुरू किया है जो बे-सहारा हैं और सड़कों किनारे या गलियों में घूम रहे हैं। वे दो रोज में डेढ़ एक सैकड़ा लोगों को सैनिटाइज कर चुके हैं और खाना खिला चुके हैं। इस कार्य में कोई अड़चन न आए, इसलिए उन्होंने कलेक्टर को इस कार्य से अवगत कराते हुए आगे के लिए सहमति मांगी है।
शहर बंद के निर्णय से आया विचार
समाधिया कॉलोनी निवासी युवा कुशाल तलरेजा ने बताया कि कोरोना वायरस का लोगों में काफी खौफ है। जिला प्रशासन गंभीर और सख्त है। धारा 144 के बाद कर्फ्यू भी लगा दिया गया है। ऐसे में अचानक ख्याल आया कि शहर में एक तबका ऐसा भी है जो सड़कों पर ही सोता है। कुछ मजदूर भी हैं जो रोज कमाते-खाते हैं। शहर व काम बंद से उनका क्या होगा। यह विचार आते ही अपने साथी आयुष धारीवाल और हर्ष गंगवानी को लेकर शहर में निकल पड़े। अपने साथ खाने के पैकेट और सैनिटाइजेशन की बोतल ली। सोमवार को वे शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचे। जो मिला उसके हाथ सैनिटाइज किए। खाने को पूछा। कुछ लोगों ने खाना लिया और खाया भी। मंगलवार को भी इसी काम के लिए निकले। महाराज बाड़ा, फूलबाग, पड़ाव होते ही वे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड क्षेत्र में घूमे। करीब आधा सैकड़ा लोगों को सैनिटाइज किया और खाना दिया। सोमवार की तुलना में मंगलवार को ज्यादा लोग मिले जिन्होंने खाने के पैकेट लिए।
रैन बसेरा में भेजे लोगः नगर निगम के रैन बसेरा के नोडल अधिकारी डॉ. अतिबल यादव ने भी कर्मचारियों को लेकर निगम के रैन बसेराओं में इंतजाम देखे। शहर में जहां भी बेसहारा लोग नजर आ रहे हैं उन्हें रैन बसेराओं में भेजा जा रहा है। यादव का कहना है कि वहां सैनिटाइजेशन के इंतजाम किए हैं। इसके अलावा साफ-सफाई के भी बेहतर इंतजाम किए हैं।