ग्वालियर । ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मंत्री पद से त्याग पत्र देकर भाजपा में शामिल हुए प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत द्वारा सोमवार को शहर जिला कांग्रेस कार्यालय में दिए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तोमर ने कहा कि हम लोगों ने अपना जमीर नहीं बेचा है, सिर्फ अपने दिल की आवाज सुनी है। लोगों से 1-1 रुपया लेकर सिंधिया के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। चुनाव में उन्होंने लोगों से वादा किया था कि वे गंदे पानी से निजात, शराब की दुकानें बढ़ने नहीं देंगे और प्रदेश में नए उद्योग लगाए जाएंगे। इसके लिए कैबिनेट में संघर्ष किया। लेकिन हमारी सरकार होने के बाद भी जनता से किये वादे पूरे होते नजर नहीं आए। यहां बता दें कि प्रदेश में सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया के वादों व चेहरे पर बनी थी। लेकिन उन्हीं को कुछ लोगों ने षड्यंत्र कर दरकिनार करने का प्रयास किया। जिसके कारण मंत्री पद छोड़ा और विधायकी से इस्तीफा देकर फिर से जनता के बीच जाने का फैसला किया। जो लोग आज वोट और जमीर की बात कर रहे हैं, उन्हें आज तक जो सम्मान और नाम मिला है। उसमें स्वर्गीय माधवराव सिंधिया व ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा योगदान है। जब महल का कर्ज चुकाने का वक्त आया तो पीठ दिखा दी।
सिंधिया के साथ जाने के लिए विधायकी से इस्तीफा देने वाले मेहगांव के पूर्व विधायक ओपीएस भदौरिया का कहना है कि हमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर क्षेत्र की जनता ने वोट दिया था और उन्हीं के नाम पर हमनें विधायकी छोड़ दी। अब हम फिर जनता की अदालत में जा रहे हैं। रामनिवास रावत को स्वयं देखना चाहिए कि उन्होंने क्या किया है। वहीं पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने कहा कि रामनिवास रावत को तथ्यों पर बात करनी चाहिए और अपने गिरेबांन में झांककर देखकर चाहिए।