ग्वालियर । कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते प्रभाव के कारण कलेक्टर ने जिले में कर्फ्यू लगाते हुए सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। शहर में अमृत योजना के तहत 730 करोड़ से काम होना है। जबकि स्मार्ट सिटी योजना 2300 करोड़ की है। इस योजना से करीब 1 हजार रुपए के कार्य चल रहे थे। यह सभी कार्य रोक दिए गए हैं। कुछ मजदूर दूसरे जिलों के थे। उनमें से कुछ घर लौट गए हैं तो कुछ यहीं झोपड़ी बनाकर बस गए हैं। जलालपुर में शहर के सबसे बड़े 145 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) की ट्रायल भी रोक दी गई है।
अमृत योजना से यह चल रहे थे काम
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटः इस योजना के तहत शहर में तीन स्थानों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) बन रहे हैं। सबसे बड़ा 145 एमएलडी का प्लांट जलालपुर में बना है। कुल 105 करोड़ के इस प्लांट की एक यूनिट की ही ट्रायल शुरू की गई थी, इसे भी बंद कर दिया है। लाल टिपारा मुरार तथा डीडी नगर के एसटीपी का काम भी बंद कर दिया है।
इसी योजना के तहत शहर में 43 पानी की टंकियां बनाना है, जिनमें से 39 पर काम चल रहा था। यह कार्य भी रोक दिया गया है।
सीवर तथा पानी की लाइन बिछाने का काम चल रहा था। यह काम भी बंद करा दिए हैं।
स्मार्ट सिटी योजना से यह चल रहे थे काम
कटोराताल के सौंदर्यीकरण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया था। म्यूजिकल फाउंटेन तथा फिनिशिंग वर्क रह गया है।
मोतीमहल में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की हेरिटेज बिल्डिंग के रिनोवेशन का काम अंतिम चरण में चल रहा था।
महाराज बाड़ा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी का डिजिटाइजेशन किया जाना है। इससे पहले उस बिल्डिंग का रिनोवेशन कार्य किया जा रहा था।
गोरखी स्काउट एंड गाइड भवन तथा गोरखी स्कूल भवन के रिनोवेशन का काम भी चल रहा था। यह सभी कार्य रोक दिए गए हैं। सभी प्रोजेक्ट होंगे लेट
अमृत योजना के तहत सभी काम पिछले साल सितंबर में ही पूरे होना थे। लेकिन शुरू से ही यह काम काफी धीमी रफ्तार से चल रहे थे। चूंकि टेंडर शर्तों के तहत ठेकेदारों को 6 माह का भी एक्सटेंशन देने का प्रावधान था। इसलिए समय अवधि बढ़ाकर मार्च 2020 कर दी गई। मार्च के बाद फर्मों से भारी भरकम पेनल्टी वसूलने और ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान है। निगम प्रशासक एमबी ओझा तथा जल प्रदाय विभाग के नोडल अधिकारी आरएलएस मौर्य ने ठेकेदारों को सख्त हिदायत दे दी थी। इसलिए पिछले समय से कार्यों में तेजी आ गई थी। अब काम बंद करने के आदेश से ठेकेदारों को काफी राहत मिली है, क्योंकि उन्हें बहाना मिल गया है। अब वे पेनल्टी और ब्लैक लिस्ट जैसी कार्रवाईयों से बच सकते हैं।
पहले धारा 144 लागू थी और अब कर्फ्यू लग गया है। इस कारण सभी प्रकार के निर्माण कार्य बंद कर दिए हैं। मजदूरों को अपने ठिकानों पर ही रहने के निर्देश दिए हैं।
आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री जलप्रदाय, ननि